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Basmati Rice: ये हैं बासमती धान की सबसे बढ़िया किस्में, कम पानी में देंगी अधिक पैदावार

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Basmati Rice: अगर आप लोग बासमती धान की खेती करने की सोच रहे हैं, तो यह आपके लिए यह महत्वपूर्ण खबर है. इस लिए आज हम आपको इस लेख में बासमती धान की किस्मों के बारे में जानकारी देंगे , इन किस्मों को खेती करने पर बढ़िया पैदावार मिलेगी. और इसके अलावा इन वैरायटियों में रोग लगने की संभावना भी कम होती है.

Basmati Rice | 2023 में ये धान की किस्म जो देगी शानदार पैदावार

इस साल जून के पहले सप्ताह में मानसून आने की पूरी उम्मीद है . इसके पश्चात लगभग सारे देश में किसान धान की बुवाई में लग जाएंगे. वहीं, किसानों द्वारा धान की नर्सरी तैयार करने की शुरूआत कर दी गई है.

अगर आप लोग बासमती धान ( Basmati Rice) की खेती करने की सोच रहे हैं, तो यह आपके लिए यह महत्वपूर्ण खबर है. इस लिए आज हम आपको इस लेख में बासमती धान की किस्मों के बारे में जानकारी देंगे , इन किस्मों को खेती करने पर बढ़िया पैदावार मिलेगी. और इसके अलावा इन वैरायटियों में रोग लगने की संभावना भी कम होती है.

बासमती धान की खेती लगभग सारे देश में की जाती है देश के सभी राज्यों में अलग- अलग किस्मों की बासमती धान लगाई जाती है. परंतु कई ऐसी किस्में हैं, जिनकी खेती किसी भी प्रकार के मौसम और जलवायु में की जा सकती है. इन किस्मों में झुलस रोग का प्रभाव भी कम होता है और इसके अलावा इन किस्मों की लम्बाई कम होने के कारण यह किस्मों नीचे गिरने की संभावना कम होती है इस कारण से फसल में कीटनाशक का प्रयोग कम करना पड़ता है। जिससे बाजार में अच्छी कीमत मिलती है।

बासमती धान की सबसे बढ़िया किस्में

उनत पूसा बासमती-1 {पूरा- 1460}: उनत पूसा बासमती-1 भी पूसा बासमती-6 की तरह एक सिंचित बासमती धान की वैरायटी है. यह फसल 135 दिन में पककर तैयार हो जाती है.
यानी की 135 दिन के पश्चात किसान इसकी कटाई कर सकते हैं. इसमें रोग प्रतिरोध क्षमता ज्यादा होती है. इस लिए इसके ऊपर झुलसा रोग का भी कोई प्रभाव नहीं होता. अगर पैदावार की बात करें तो, आप एक हेक्टेयर से 50 से लेकर 55 क्विंटल धान की पैदावार लें सकते हैं.

पूसा बासमती-6 (पूसा- 1401): पूसा बासमती-6 धान की एक सिंचित किस्म है. यानी कि यह किस्म बारिश से ही अपने लिए पानी की आवश्यकता को पूरा कर लेती है.यह बासमती (Basmati Rice) की बौनी किस्म है. इस फसल की लंबाई परंपरागत बासमती की तुलना में काफी कम होती है. इस लिए तेज हवा बहन पर भी इसकी फसल खेत में नहीं गिरती है. इसकी पैदावार क्षमता 55 से लेकर 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. अगर किसान इसकी खेती करेंगें तो अच्छी पैदावार मिलेगी.

पूसा बासमती- 1121: पूसा बासमती- 1121 की बुवाई आप किसी भी धान की खेती वाले क्षेत्र में कर सकते हैं. यह बासमती की एक सुगंधित वैरायटी है. यह किस्म 145 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. इसके चावल का दाना पतला व लंबा होता है. खाने में यह काफी टेस्टी होता है. इसकी पैदावार क्षमता 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. इसके अतिरिक्त किसान चाहें, तो पूसा सुगंध-5, पूसा सुगंध-3 व पूसा सुगंध-2 की खेती भी कर सकते हैं.

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इन वैरायटी की खेती के लिए हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का मौसम अनुकूल है. यह किस्में 120 से 125 दिन में पककर तैयार हो जाती हैं. वहीं एक हेक्टेयर 40 से लेकर 60 क्विंटल उपज मिल सकती है.

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